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गैस कब्ज के लिए रामवाण पवान्मुक्तासन

 

पवनमुक्तासन



पवनमुक्तासन एक बहुत ही लाभकारी आसन है और इससे करने के अनेक फायेदे है तो आईये आज हम पवनमुक्त आसन करने की विधि सीखेंगे |

पवनमुक्तासन – 1



विधि : सीधे लेटकर दाये पैर के घुटने को छाती के पास लाये, दोनों हाथो की अंगुलिय आपस में फसांकर घुटनों पे रखे, श्वास बाहर निकलते हुए घुटनों को दबाकर छाती से लगाएँ एवं सिर को उठाते हुए घुटने से नासिका का स्पर्स करें, कुछ देर करीब 10 से 30सेकंड तक श्वास को स्वाभाविक इस्थ्ती में रखकर अथवा बहार रोककर, फिर पैर को सीधा कर दे | इसी प्रकार दुसरे पैर से भी इसी क्रिया को करते रहे | इसे पवनमुक्तासन -1 कहते है

 

पवनमुक्तासन  - 2

विधि  : पूर्ववत विधि को ही आगे बढ़ाते हुए अब दितिये स्थति में दोनों पैरों को एक साथ परस्पर मिलाकर (पंजे ताने हुए हों ) सामान रूप से ऊपर उठाये फिर घुटने मोड़कर घुटने को छाती के पास रखे, तब दोनों हाथो से दोनों घुटनों को पकड़कर छाती को दबाये और सिर उठाकर नासिका को घुटनों से लगाये |स्वास को बाहर रोककर रखे अथवा स्वाभाविक रूप से श्वास ले | इस क्रिया को 3 से 5 बार कर सकते हैं |

लाभ

·      कब्ज गैस से छुटकारा दिलाता है|

·      महिलाओ के लिए गर्भाशये सम्बन्धित रोगों में लाभकारी है|

·      पेट की चर्बी को कम करता है|

·      अम्लपित को गठिया को ठीक करता है|

·      B M I को संतुलित रखता हैं|

 

  

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