कपालभाती
कपालभाती
प्राणायाम सभी वर्ग के लोगो के लिए बहुत ही कारगर प्राणायाम है | इसकी प्रसिध्द
विधि एवं इसके लाभ भी भिन्न-भिन्न है|
विधि : ध्यानमुद्रा में आरामदायक इस्थि में बैठ जाये | और सहजरूप से जितना श्वास अन्दर चला जाता है, जाने दे, पूरी एकाग्रता श्वास को बहार फेकने में दे | ऐसा करते हुए स्वाभाविक रूप से पेट को अन्दर खीचते हुए श्वास को बहार फेके | एक सेकंड में एक बार श्वास को लय के साथ छोड़े और सहज रूप से ले| इस प्रकार बिना रुके एक मिनट में 60 बार तथा 5 मिनट में 300 कपालभाती होता है | कपालभाती-प्राणायाम की एक आवृति 5 मिनट की अवश्य होना चाहिए |
स्वस्थ एवं सामान्य रोगों से ग्रस्त व्यक्ति को कपालभाती 20-25 मिनट तक करना चाहिए
सावधानी :
· गर्भावस्था ,अल्सर, मासिक धर्म की अवस्था में इस प्राणायाम का अभ्यास न करे |
· High BP के मरीज कपालभाती अधिक गति से न करे |
लाभ
· गैस, कब्ज, अम्लपित, गुर्दे तथा प्रोस्टेट से सम्बन्धित सभी रोगों को निश्चित रूप से ठीक करता है |
· इस प्राणायाम के अभ्यास से अमाशय, अग्नाशय, लीवर, प्लीहा व् आंतो का आरोग्य विशेष रूप से बढ़ता है |
· डिप्रेशन, भावनत्मक असंतुलन, घबराहट व् नकरात्मक आदि समस्त मनोरोगों को ठीक करता है |
· कपालभाती के अभ्यास से एकाग्रता बढ़ जाती है |
· छात्रो के यादाश्त बढाने में कारगर है |
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