भ्रामरी-प्राणायाम
दोस्तों आज
हम बात करेंगे भ्रामरी प्राणायाम के बारे में, आज के समय में हमारी जीवन सैली इतनी
व्यस्त और थकावट भरा हो गया है | जिसके कारन हम चिडचिडा और तनाव भरा महशुस करने लगते है | अगर हम अपने लाइफ में भ्रामरी प्राणायाम को सामिल कर लेते है और रोज़
अभ्यास करते है तो हम तनाव और चिडचिडापन से पुरे जीवन छुटकारा पा सकते है |
विधि : किसी भी ध्यानात्मक आसन में बैठ जाये, अब
अपने अंगूठे से कान को बन्द करे, मध्यमा अँगुलियो से आँखों को दोनों ओर से थोडा
दबाये, मन को ध्यान में रखे, अब श्वास को अन्दर भरे | अब भवरा की तरह मन में गुंजन करे और
ॐ का उच्चारण करते हुए श्वास को बहार छोड़ दे | पुनः इसी प्रकार बार बार दुहराए | 03
से 05 सेकंड श्वास को अन्दर भरे और कान आंख को बन्द करके 15 से 20 सेकंड में श्वास
को बहार छोड़े | प्रत्येक व्यक्ति 11 से 21 बार तक भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास कर
सकते है |
लाभ :
1.यह चिंता
और अवसाद को ख़त्म करता है|
2.मानसिक रोगों
में बेहद ही लाभप्रद |
3.ध्यान के
लिए अत्यंत ही उपयोगी है |
4.मन को शांत
रखता है |
5.डर और
घबराहट को दूर करता है |
सावधानी : गुंजन मधुर और सरल रखना चाहिए, आँखों के
ऊपर अँगुलियो से अत्यधिक दबाव न दे |
3 Comments
💯💯💯
ReplyDeleteTHANKS
Deletenice
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