मर्कटासन
नमस्कार
दोस्तों, मर्कटासन आसन बहुत ही लाभकारी आसन है और इसके अनेको लाभ है, तो आईये आज मर्कटासन
का अभ्यास करेंगे और इसके फायेदे के बारे में बात करेंगे |
मर्कटासन को
हम दो भागो में कर सकते है |
विधि : सबसे पहले पीठ के बल सीधे लेट जाये, दोनों
हाथो को कंधे के सामानांतर फैलाये, हथेलियों को आकाश की और खुली अवस्था में रखे :
उसके बाद दोनों पैरो को मोड़कर नितम्ब के पास लाये | अब एडियो को मिलाते हुए घुटनों
को दाहिनी और जमीन पर टिकाये, तथा गर्दन को बायीं और मोड़कर रखे; इसी प्रकार 20 से
35 सेकंड ठहराव के बाद दूसरी ओर से भी करे | यह मर्कटासन-1 कहलाता है |
मर्कटासन – 2
विधि : पीठ के बल सीधे लेट जाये, अब दोनों पैरो को
घुटनों से मोड़ कर नितम्ब के पास रखे, अब पैरो के बीच डेढ़ फुट का अंतर रखे (दोनों
हाथ कंधो के सिद्ध में और हथेलिय असमान की ओर हो ) | अब बाएं घुटने को बायीं ओर
झुकाकर भूमि पर टिका दे, दायें घुटने को भी बायीं ओर इतना झुकाए की वह बाएं पैर के
पंजे से स्पर्स करे, गर्दन को दायी ओर अर्थात विपरीत दिशा में मोड़ कर रखे | इसी
प्रकार से दुसरे तरफ से भी करे | इस अभ्यास को कम से कम 03 से 05 आवृति कर सकते है |
सावधानी : जिनको कमर में अधिक दर्द रहता हो, वे दोनों पैर से एक साथ न करे | उनको एक-एक पैर से ही 2-3 आवृति करनी चाहिए |
लाभ:
1.स्लिप
डिस्क एवं साइटिका में विशेष लाभदायक है |
2.पेट-दर्द
दस्त में लाभदायक है |
3.कब्ज एवं
गैस से छुटकारा दिलाये |
4.कमर-दर्द
को ठीक करे |
5.नितम्ब एवं
जोड़ो के दर्द में लाभदायक |
1 Comments
Very nice
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