माण्डुकासन के चमत्कारी लाभ
विधि ; 1. वज्रासन में बैठकर दोनों हाथों की मुट्ठी बन्द करके [मुट्ठी बन्द करते हुए समय अंगूठे को अंगुलियों में दबाये] दोनों मुठियो को नाभि के दोनों ओर लगाकर श्वास को बहार छोड़ते हुए सामने की और झुकते हुए आँखों को सामने रख थोड़ी देर इसी इस्थिति में रहने दे बाद में वापस बज्रासन में आ जाये. यह क्रिया 3 से 5 बार करे | यह क्रिया माण्डुकआसन-1 कहलाती है |
2. वज्रासन
में बैठ कर नाभि पर बाये हाथ की हथेली को रखते हुए पेट को अन्दर दबाये तथा श्वास
को बहार निकलते हुए पूर्व की भातिं धीरे-धीरे निचे झुककर आँखों को सामने रखना ‘मण्डूकआसन’ भाग-2 कहलाता है |
चमत्कारी लाभ
1. यह आसन
अग्नाशय को सक्रिय करके इन्सुलिन की मात्रा को संतुलित करते हुए मधुमेह को दूर
करने में सहायक हैं |
2. मोटापे एव पेट सम्बन्धित रोग कब्ज, एसिडिटी में
काफी उपयोगी है |
3. यह ह्र्दय के लिए भी लाभकारी है |
4. मंडूकआसन , भुजंगासन व् शवासन तंत्रिका तंत्र की
अनुकम्पी क्रिया को सन्तुलित बनाये रखते है |
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